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देश के 10 बेहतरीन नाटकों के साथ ‘मेटा फेस्टिवल’ फिर से तैयार, 14 मार्च से सजेगा रंगमंच

भारतीय रंगमंच के वार्षिक पुरस्कार और रंगमंच की दुनिया का बेहद चर्चित उत्सव महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स-मेटा ने अपने 19वें आयोजन के लिए 10 शीर्ष नाटकों की घोषणा कर दी है. 14 से 20 मार्च तक होने वाले इस मेटा फेस्टिवल में एकबार फिर से देशभर के नाटक प्रेमियों को रोमांचित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. महिंद्रा समूह द्वारा स्थापित मेटा फेस्टिवल ने 13 श्रेणियों में नामांकित शीर्ष 10 नाटकों की घोषणा कर दी है. दिल्ली में होने वाले मेटा फेस्टिवल के बाद 20 मार्च को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे. इस पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में भारतीय रंगमंच के सर्वश्रेष्ठ नाटकों को 13 विभन्न श्रेणियों में मंडी हाउस स्थित कमानी ऑडिटोरियम में सम्मानित किया जाएगा.

मेटा फेस्टिवल के नाटकों ने हमेशा अपने विषयों और चरित्र-चित्रणों के माध्यम से सन्देश दिए हैं. इन नाटकों के विषयों ने पौराणिक कथाओं, लिंग, पहचान, विद्रोह, उत्पीड़न और शोषण, व्यक्तिगत संघर्ष, साहसिक कार्य जैसे जवलंत विषयों को नाटकों के माध्यम से मंच में प्रदर्शित किया है. इस वर्ष के चुन्निदा नाटक भी इसी तरह के भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं से सम्बंधित विषयों को मंच पर उठायेगा.

इस वर्ष के मेटा फेस्टिवल के लिए पूरे महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, मणिपुर और राजस्थान से 390 से अधिक नाटक प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं. फेस्टिवल के लिए अंतिम 10 नामांकन में असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी, हिंदुस्तानी, मलयालम, मराठी आदी भाषाओं में नाटक शामिल हैं. इनमें अग्निसुता द्रौपदी, अवलांच, भूतंगल, डू यू नो दिस सोंग?, गगन दमामा बाज्यो, घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा, गोपाल उरे एंड कंपनी, हयवदना, रघुनाथ और सियाचिन नामांकित शीर्ष 10 नाटक हैं.

मेटा फेस्टिवल 2024 के बारे में महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड में सांस्कृति आउटरीज उपाध्यक्ष जय शाह ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि मेटा हमारी पहली सांस्कृतिक आउटरीच पहल का जल्द ही 19वां संस्करण होने जा रहा है. हमारा दृष्टिकोण नाटकीय उत्कृष्टता को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का मंच बनाना था और हमें गर्व है और साथ ही हम आभारी हैं कि भारत के कोने-कोने से बड़े उत्साह के साथ रंगमंच समुदाय जुड़े लोग इस फेस्टिवल में भाग लेते हैं. जय शाह ने बताया कि इस वर्ष भी 10 सर्वश्रेष्ठ नाटकों को प्रस्तुत करने और देश भर के रंगमंच का जश्न मनाने के लिए उत्सुक हैं.

टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय रॉय ने कहा कि हम मेटा फेस्टिवल के ऐतिहासिक 19वें संस्करण की मेजबानी करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कार्य प्रदर्शन कलाओं में विविधता और उत्कृष्टता का जश्न मनाने के लिए टीमवर्क आर्ट्स और महिंद्रा समूह की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. संजय रॉय ने बताया कि मेटा 2024 में अंग्रेजी, मराठी, मलयालम, असमिया, बांग्ला, हिंदी और हिंदुस्तानी सहित कई भाषाओं को शामिल करते हुए 10 नाटकों की एक विविध श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी.

मेटा के चयन समिति ने सभी 395 नाटकों को देखा. इस वर्ष चयन समिति में भारतीय फिल्म और थिएटर समीक्षक और सांस्कृतिक पत्रकार अजीत राय, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ता अभिनेता और पटकथा लेखक अमिताभ श्रीवास्तव, सुप्रसिद्ध भारतीय टीवी, थिएटर और फिल्म अभिनेत्री दीपिका अमीन, प्रख्यात पत्रकार और थिएटर समीक्षक सरस्वती नागराजन, प्रमुख टीवी और फिल्म अभिनेत्री स्वरूपा घोष शामिल थीं.

भारतीय थिएटर उद्योग में प्रतिभा के बारे में बात करते हुए दीपिका अमीन ने कहा कि इस साल नाटकों का चयन देखना वाकई खुशी की बात है, जो युवा पीढ़ी की उल्लेखनीय ऊर्जा, उत्साह और समर्पण को दर्शाता है. मामूली बजट और न्यूनतम संसाधनों जैसी सीमाओं के बावजूद, वे वाकई अपनी कोरियोग्राफी और सम्मोहक कहानी कहने के माध्यम से जादू पैदा करने में सफल रहे हैं.

स्वरूपा घोष ने कहा कि उन व्यक्तियों के समर्पण को देखना वास्तव में उल्लेखनीय है, जो संसाधनों की कमी का सामना करने के बावजूद, असाधारण थिएटर प्रस्तुतियों को बनाने के लिए अथक और चुपचाप काम करते हैं. चयन समिति के सदस्यों के रूप में प्रस्तुतियों के विशाल पूल से शीर्ष 10 प्रस्तुतियों को चुनना चुनौतीपूर्ण और फायदेमंद दोनों है.

Tags: Literature, Literature and Art

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