राजस्थान सरकार में ऐसे अनेको आईएएस और आईपीएस है जिनके खिलाफ भ्र्ष्टाचार के मामलों की जांच चल रही है , लेकिन पिछली सरकार ने इन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नही दी जिससे यह बचते रहे , लेकिन अब केंद्र सरकार ने भृष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति जारी कर दी है जिससे आईएएस नीरज के पवन , आईपीएस मनीष अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है वही पुष्कर मित्तल और पिंकी मीना की फाइल अभी तक कार्मिक विभाग के पास लंबित है ।
केंद्र सरकार ने बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त नीरज के पवन व तत्कालीन दोसा एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है , पवन के खिलाफ यह मंजूरी स्वास्थ्य मिशन में फर्जी तरीके से भर्ती मामले में ,तो वही अग्रवाल के खिलाफ दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण वाली कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में मंजूरी दी गई है ,
वही दौसा में भ्रष्टाचार की इसी कड़ी में गिरफ्तार तत्कालीन दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल और बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा का मामला 3 साल से राज्य सरकार के पास लंबित है एसीबी ने पड़ताल पूरी कर कांग्रेस राज में मार्च 2021 को अभियोजन की इजाजत मांगी थी जो अभी तक नहीं मिल पाई थी ।
एसीबी ने पड़ताल पूरी कर मनीष अग्रवाल के साथ पिंकी मीणा में पुष्कर के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी राज्य सरकार ने मनीष अग्रवाल का मामला नियम अनुसार केंद्र को भेज दिया वहीं पिंकी वह पुष्कर की फाइल कार्मिक विभाग के पास लंबित है वर्ष 2021 और 2022 और 2023 में कई बार मंथन के बाद भी सरकार ने इजाजत नहीं थी 2024 में भी कोई निर्णय नहीं हो पाया इस बीच भारत सरकार ने इसी माह मनीष अग्रवाल के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी दे दी है ।
कुल मिलाकर प्रदेश में ऐसे अनेको आईपीएस आईएएस कई अधिकारियों की लिस्ट अभियोजन की स्वीकृति न मिलने के चलते जांच अटकी पड़ी है अब देखने वाली बात होगी केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार इस दिशा में कैसे काम करती है ।